aaj kee raat bahut garm hawaa chalatee hai

Title:aaj kee raat bahut garm hawaa chalatee hai Movie:Sone Ki Chidiya Singer:Kaifi Azmi Music:O P Nayyar Lyricist:Kaifi Azmi

English Text
देवलिपि


आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है
आज की रात न फुटपाथ पे नींद आयेगी
सब उठो, मैं भी उठूँ, तुम भी उठो, तुम भी उठो
कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जायेगी

ये ज़मीं तब भी निगल लेने पे आमादा थी
पाँव जब टूटती शाख़ों से उतारे हमने
इन मशीनों को ख़बर है न मकानों को ख़बर
उन दिनों की जो गुफ़ाओं में गुज़ारे हमने

सिर्फ़ ख़ाका था जो सच पूछो तो ख़ाका भी न था
जिसके ये कसद ये ऐवान उतारे हमने
हाथ ढलते गये साँचों में तो थकते कैसे
नख़्श के बाद नये नख़्श निखारे हमने

की ये दीवार बलन्द और बलन्द और बलन्द
बाम-ओ-दर और ज़रा और सँवारे हमने
( आँधियाँ तोड़ लिया करती थीं शमओं की लवें
जड़ दिये इसलिये बिजली के सितारे हमने ) -२

बन गया कसर तो पहरे पे कोई बैठ गया -२
सो रहे ख़ाक पे हम चोरी की तामीर लिये
अपनी नस नस में लिये मेहनत-ए-पैहम की छन
बन्द आँखों में इसी कसर की तस्वीर लिये

अरे दिन पिघलता है उसी तरह सरों पर अब तक
रात आँखों में खटकती है सियाह तीर लिये

आज की रात बहुत गर्म हवा चलती है
आज की रात न फुटपाथ पे नींद आयेगी
सब उठो, मैं भी उठूँ, तुम भी उठो, तुम भी उठो
कोई खिड़की इसी दीवार में खुल जायेगी