ab ke ham bichhade to shaayad kabhee kaabon men milen

Title:ab ke ham bichhade to shaayad kabhee kaabon men milen Movie:Mehfil-E-Ghazal (Non-Film) Singer:Mehdi Hasan Music:Mehdi Hasan Lyricist:Ahmed Faraz

English Text
देवलिपि


अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़ाबों में मिलें
जिस तरह सूखे हुये फूल किताबों में मिलें

ढूँढ उजड़े हुये लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुम्किन है ख़राबों में मिलें

तू ख़ुदा है न मेरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा
दोनों इन्साँ हैं तो क्यूँ इतने हिजाबों में मिलें

ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
नशा बढ़ता है शराबें जो शराबों में मिलें

अब न वो मैं हूँ न वो तू है न वो माज़ी है फ़राज़
जैसे दो साये तमन्ना के सराबों में मिलें