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Title:are chhote aur bade kaa insaaf kahaan kaa hai Movie:Asha Singer:Chorus, Kishore Kumar Music:C Ramchandra Lyricist:Rajinder Krishan
को: अरे छोटे और बड़े का अब तो हुआ पुराना क़िस्सा
अरे दुनिया की जागीर है सबका एक बराबर हिस्सा
एक पड़ोसी रात को सोये और दूसरा रोये
तो इंसाफ़ कहाँ का है
ये इंसाफ़ कहाँ का है -२
अरे कहो अगर इंसान किसी की राह में काँटे बोये
को: तो इंसाफ़ कहाँ का है
ये इंसाफ़ कहाँ का है -२
कि: बनाया मालिक ने सबके लिये है चाँद सितारों को
तो फिर क्या हक़ है
तो फिर क्या हक़ है बंदे को करे तक़सीम बहारों को
को: करे तक़सीम बहारों को
कि: जग के बाग़ बग़ीचे पर जब एक का क़ब्ज़ा होये
को: तो इंसाफ़ कहाँ का है
ये इंसाफ़ कहाँ का है -२
कि: बना है शाह ख़ज़ाने का ये है इंसान की नादानी
बताओ कितना खा लेगा
बताओ कितना खा लेगा ये दाना और हवा पानी
को: ये दाना और हवा पानी
कि: अरे पैसे जैसी चीज़ की ख़ातिर कोई शराफ़त खोये
को: तो इंसाफ़ कहाँ का है
ये इंसाफ़ कहाँ का है -२
कि: सभी एक डाल के पँछी है सभी का एक ठिकाना है
लगाओ एक साथ
लगाओ एक साथ नारा कि ये जनता का ज़माना है
को: ये जनता का ज़माना है
कि: कोई किसी का बीज चुरा कर अपनी खेती बोये
को: तो इंसाफ़ कहाँ का है
ये इंसाफ़ कहाँ का है -२
एक पड़ोसी रात को सोये और दूसरा रोये
तो इंसाफ़ कहाँ का है
ये इंसाफ़ कहाँ का है -२