bhadak rahee hai aag see hawaaon men

Title:bhadak rahee hai aag see hawaaon men Movie:Salam-E-Mohabbat (Pakistani-Film) Singer:Mehdi Hasan Music:Khurshid Anwar Lyricist:Qateel Shifai

English Text
देवलिपि


भड़क रही है आग सी हवाओं में
सुलग रहा हूँ बादलों की चाँवों में
बहार मुझसे छिन गई मुझे बहार चाहिये
मुझे सुकून चाहिये, मुझे क़रार चाहिये

किसी की दिल्लगी को प्यार जान के
मैं लुट गया हूँ दिल की बात मान के -२
न मुझको चाहिये वफ़ा, न मुझको प्यार चाहिये
मुझे सुकून चाहिये, मुझे क़रार चाहिये
सुलग रहा हूँ बादलों की चाँवों में

न जाने कब ये दिल का दर्द जायेगा
रहूँगा होश में तो ग़म सतायेगा -२
मेरे लिये तो रात-दिन बस इक ख़ुमार चाहिये
मुझे सुकून चाहिये, मुझे क़रार चाहिये
सुलग रहा हूँ बादलों की चाँवों में

तड़प न मेरे दिल किसी की आस में
हज़ार तल्ख़ियाँ है तेरी प्यास में
तुझे तो सारी ज़िंदगी का इंतज़ार चाहिये
मुझे सुकून चाहिये, मुझे क़रार चाहिये
सुलग रहा हूँ बादलों की चाँवों में