duniyaa bhar ke naastik zor lagaa le are zamaane

Title:duniyaa bhar ke naastik zor lagaa le are zamaane Movie:Nastik Singer:Lata Mangeshkar, Chorus, C Ramchandra Music:C Ramchandra Lyricist:Pradeep

English Text
देवलिपि


चि: दुनिया भर के नास्तिक कितने नमक हराम
अपना दोष न देखते प्रभू को करें बदनाम

ज़ोर लगा ले अरे ज़माने कितना ज़ोर लगायेगा
इस जग में भगवान का झण्डा कभी न झुकने पायेगा
को: ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम
चि: प्रभू की निंदा करने वाला धरती में धँस जायेगा
इस जग में भगवान का झण्डा कभी न झुकने पायेगा
को: ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम

चि: नहीं हुआ है कभी न होगा हरी सरीखा दानी
सारे जग को मुफ़्त दे रहा अगन पवन और पानी
पाल रहा अपनी धरती पर वो सबकी ज़िंदगानी
बदले में लेता न किसी से एक भी कौड़ी कानी
कौन जगत में अपना ख़ज़ाना हरि की तरह लुटायेगा

को: इस जग में भगवान का झण्डा कभी न झुकने पायेगा
ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम

चि: आये इस दुनिया में करोड़ों गये करोड़ों राही
कर्मों के अनुसार भोग कर ख़ुशियाँ और तबाही
लाख लाख सदियों से देते सूरज चाँद गवाही
प्रभू का आसन आज तलक है जैसा का तैसा ही
न कोई फ़ौज है न कोई पल्टन न है कोई सिपाही
फ़कत इशारों से चलता है काम प्रभू का शाही
ये आकाश पे लिखा लेख है इसको कौन मिटायेगा

को: इस जग में भगवान का झण्डा कभी न झुकने पायेगा
ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम -४
ओम हरि ओम
ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम -४

ल: धन्य प्रभू का चमत्कर है धन्य प्रभू की माया
धन्य प्रभू की माया
सुबह का भूला हुआ शाम को फिर वापस घर आया
धन्य प्रभू की माया
जादूगर भगवान ने मुझको क्या जादू दिखलाया -२
बहुत दिनों के बिछड़े साथी से फिर मुझे मिलाया -२
चि: घुटने टेक प्रभू के आगे -२
बेड़ा पार लगायेगा
को: इस जग में भगवान का झण्डा कभी न झुकने पायेगा
ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम
ज़ोर लगा ले अरे ज़माने कितना ज़ोर लगायेगा
इस जग में भगवान का झण्डा कभी न झुकने पायेगा
ओम हरि ओम हरि ओम हरि ओम -४
ओम हरि ओम -४