gam bade aate hain qaatil kee nigaahon kee tarah - - jagjit singh

Title:gam bade aate hain qaatil kee nigaahon kee tarah - - jagjit singh Movie:non-Film Singer:Jagjit Singh Music:Jagjit Singh Lyricist:Sudarshan Faakir

English Text
देवलिपि


ग़म बड़े आते हैं कातिल की निगाहों की तरह
तुम छिपा लो मुझे, ऐ दोस्त, गुनाहों की तरह

अपनी नज़रों में गुनहगार न होते, क्यों कर
दिल ही दुश्मन हैं मुखालिफ़ के ग्वाहों की तरह

हर तरफ़ ज़ीस्त की राहों में कड़ी धूप है दोस्त
बस तेरी याद का साया है पनाहों की तरह

जिनके ख़ातिर कभी इल्ज़ाम उठाए, फ़ाकिर
वो भी पेश आए हैं इनसाफ़ के शाहों की तरह