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gam diye mustaqil kitanaa naazuk hai dil
Title:gam diye mustaqil kitanaa naazuk hai dil Movie:Shahjehan Singer:K L Saigal Music:Naushad Lyricist:Majrooh Sultanpuri
ग़म दिये मुस्तक़िल, कितना नाज़ुक है दिल, ये न जाना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना
दे उठे दाग लौ उनसे ऐ माह-ए-नौ कह सुनना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना
दिल के हाथों से दामन छुड़ाकर
ग़म की नज़रों से नज़रें बचाकर
उठके वो चल दिये, कहते ही रह गये हम फ़साना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना
कोई मेरी ये रूदाद देखे, ये मोहब्बत की बेदाद देखे
फुक रहा है जिगर, पड़ रहा है मगर मुस्कुराना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना
ग़म दिये मुस्तक़िल, कितना नाज़ुक है दिल, ये न जाना
हाय हाय ये ज़ालिम ज़माना