ham chal to pade hain jazbaa-e-dil - - feroz akhtar

Title:ham chal to pade hain jazbaa-e-dil - - feroz akhtar Movie:non-Film Singer:Feroz Akhtar Music:unknown Lyricist:unknown

English Text
देवलिपि


हम चल तो पड़े हैं जज़्बा-ए-दिल - २
जाना है किधर मालूम नही
हम चल तो पड़े हैं जज़्बा-ए-दिल
जान है किधर मालूम नही
आगाज़-ए-सफ़र पर नाज़ हैं - २
अंजाम-ए-सफ़र मालूम नही
हम चल तो पड़े हैं ...

(कब जाम भरे, कब दौर चले
कब आये इधर मालूम नही ) - २
उठे भी अगर ठहरेगी कहाँ - २
साक़ी की नज़र मालूम नही
हम चल तो पड़े हैं ...

(हम अकेले की हद से भी गुज़रे
सेहरा-ए-ज़ुनून भी छान लिया ) - २
अब और कहाँ ले जाएगी - २
साक़ी की नजर मालूम नही
हम चल तो पड़े हैं ...

(मुमकिन हो तो इक लम्हे के लिये
तकलीफ़ें तबस्सुम कर लीजै ) - २
हम में से अभी तक कितनो को
महफ़ूम-ए-सेहर मालूम नही

हम चल तो पड़े हैं जज़्बा-ए-दिल
जाना है किधर मालूम नही

जज़बात के सौ
(जज़बात के सौ आलम गुज़रे
अहसास की सदियां बीत गईं ) - २
आँखों से अभी उन आँखों तक - २
कितना है सफ़र मालूम नही
आँखों से अभी उन आँखों तक
कितना है सफ़र मालूम नही

हम चल तो पड़े हैं जज़्बा-ए-दिल