ham to hain parades men, des men nikalaa hogaa - - jagjit singh

Title:ham to hain parades men, des men nikalaa hogaa - - jagjit singh Movie:non-Film Singer:Jagjit Singh Music:unknown Lyricist:Dr. Rahi Masoom Reza

English Text
देवलिपि


हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद - २
अपनी रातकी छत पर कितना, तनहा होगा चांद हो ओ ओ
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद ...

जिन आँखों में काजल बन कर तैरी काली रात हो - २
उन आँखों में आँसू का एक कतरा होगा चांद हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद ...

रात ने ऐसा पेच लगाया, टूटी हाथ से डोर हो - २
आँगन वाले नीम में जाकर अटका होगा चांद हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद ...

चांद बिना हर दिन यूँ बीता जैसे युग बीतें हो - २
मेरे बिना किस हाल में होगा, कैसा होगा चांद हो
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद ...
अपनी रातकी छत पर कितना, तनहा होगा चांद हो ओ ओ
हम तो हैं परदेस में, देस में निकला होगा चांद ...