hiranyagarbas aise kis devataa kee upaasanaa karen ham havi dekar

Title:hiranyagarbas aise kis devataa kee upaasanaa karen ham havi dekar Movie:Bhaarat Ek Khoj (Non-Film) Singer:Chorus Music:Vanraj Bhatia Lyricist:Pt Vasant Deo

English Text
देवलिपि

हिरण्यगर्बस-समवर्तत-आग्रे
भूतस्य जातः पतिर-एक आसीत
स दाधार-पृथिवी-द्याम-उतेमा.म
कस्मै देवाय हविषा विधेम

सृष्टि से पहले सत नहीं था, असत भी नहीं
अन्तरिक्ष भी नहीं, आकाश भी नहीं था
छिपा था क्या, कहाँ, किसने देखा था
उस पल तो अगम, अतल जल भी कहाँ था

सृष्टि का कौन है कर्ता
कर्ता है वा अकर्ता
ऊँचे आकाश में रहता
सदाअ अध्यक्ष बना रहता
वही तो सच-मुच में जानता, या नहीं भी जानता
है किसी को नहीं पता
नहीं पता

वह था हिरण्यगर्भ सृष्टि से पहले विद्यमान
वही तो सारे भूत-जात का स्वामी महान
जो है अस्तित्वमान धरती-आसमान धारण कर
ऐसे किस देवता की उपासना करें हम हवि देकर

जिस के बल पर तेजोमय है अम्बर
पृथ्वी हरी-भरी स्थापित स्थिर
स्वर्ग और सूरज भी स्थिर
ऐसे किस देवता की उपासना करें हम हवि देकर

गर्भ में अपने अग्नि धारण कर पैदा कर
व्यापा था जल इधर-उधर नीचे-ऊपर
जगा चुके वो कई एकमेव प्राण बनकर
ऐसे किस देवता की उपासना करें हम हवि देकर

ॐ! सृष्टि-निर्माता स्वर्ग-रचयिता पूर्वज, रक्षा कर
सत्यधर्म-पालक अतुल जल नियामक, रक्षा कर
फैली हैं दिशायें बाहु जैसी उसकी, सब में, सब पर
ऐसे ही देवता की उपासना करें हम हवि देकर
ऐसे ही देवता की उपासना करें हम हवि देकर