ik din bik jaayegaa, maatee ke mol

Title:ik din bik jaayegaa, maatee ke mol Movie:Dharam Karam/ Duty and Deed Singer:Chorus, Mukesh Music:R D Burman Lyricist:Majrooh Sultanpuri

English Text
देवलिपि


इक दिन बिक जाएगा, माटी के मोल
जग में रह जाएंगे, प्यारे तेरे बोल
दूजे के होंठों को, देकर अपने गीत
कोई निशानी छोड़, फिर दुनिया से डोल
इक दिन बिक जायेगा ...

ला ला ललल्लल्ला

(अनहोनी पग में काँटें लाख बिछाए
होनी तो फिर भी बिछड़ा यार मिलाए ) - (२)
ये बिरहा ये दूरी, दो पल की मजबूरी
फिर कोई दिलवाला काहे को घबराये, तरम्पम,
धारा, तो बहती है, बहके रहती है
बहती धारा बन जा, फिर दुनिया से डोल
एक दिन ...

(परदे के पीछे बैठी साँवली गोरी
थाम के तेरे मेरे मन की डोरी ) - (२)
ये डोरी ना छूटे, ये बन्धन ना टूटे
भोर होने वाली है अब रैना है थोड़ी, तरम्पम,
सर को झुकाए तू, बैठा क्या है यार
गोरी से नैना जोड़, फिर दुनिया से डोल
एक दिन ...