jaag aankhen khol kahaan teraa insaaf hai

Title:jaag aankhen khol kahaan teraa insaaf hai Movie:Sargam Singer:Mohammad Rafi Music:Laxmikant, Pyarelal Lyricist:Anand Bakshi

English Text
देवलिपि


जाग आँखें खोल चुप क्यों है बोल
मेरे भगवन ये क्या हो रहा है -२

कहाँ तेरा इन्साफ़ है कहाँ तेरा दस्तूर है
( मैं तो हूँ मजबूर ओ भगवन ) -२ क्या तू भी मजबूर है
कहाँ तेरा इन्साफ़ ...

सब कहते हैं तूने हर अबला की लाज बचाई
आज हुआ क्या तुझको तेरे नाम की राम दुहाई
ऐसा ज़ुल्म हुआ तो होगी तेरी ही रुसवाई -२
( आँखों में आँसू भरे हैं ) -२ दिल भी ग़म से चूर है
कहाँ तेरा इन्साफ़ ...

कैसा अत्याचार है शादी है या व्यापार है
दौलत में सब ज़ोर है धर्म बड़ा कमज़ोर है
बिकते हैं संसार में इन्सां भी बाज़ार में
दुनिया की ये रीत है बस पैसे की जीत है
ऐसा अगर नहीं है तो सच भगवान कहीं है तो
मेरे सामने आए वो ये विश्वास दिलाए वो -३