jang jo chand roz hotee hai mere dushman mere bhaaee

Title:jang jo chand roz hotee hai mere dushman mere bhaaee Movie:Border Singer:Hariharan Music:Anu Malik Lyricist:Javed Akhtar

English Text
देवलिपि


जंग जो चंद रोज़ होती है ज़िंदगी बरसों तलक रोती है
सन्नाटे की गहरी छांव खामोशी से जलते पांव
ये नदियों पर टूटे हुए पुल धरती घायल है व्याकुल
ये खेत बमों से झूलते हुए ये खाली रस्ते सहमें हुए
ये मातम करता सारा समां ये जलते घर ये काला धुआं
हो हो हो

मेरे दुश्मन मेरे भाई मेरे हमसाए
मुझसे तुझसे हम दोनों से ये जलते घर कुछ कहते हैं
बरबादी के सारे मंज़र कुछ कहते हैं हाय
मेरे दुश्मन मेरे भाई ...

बारूद से बोझल सारी फ़िज़ां है मौत की बू फैलती हवा
ज़ख्मों पे है छाई लाचारी गलियों में है फिरती बीमारी
ये मरते बच्चे हाथों में ये माँओं का रोना रातों में
मुरदा बस्ती मुरदा है नगर चेहरे पत्थर हैं दिल पत्थर
मेरे दुश्मन मेरे भाई ...

जलते घर बरबादी के सारे मंज़र सब मेरे नगर सब तेरे नगर
ये कहते हैं
इस सरहद पर फुंफकारेगा कब तक नफ़रत का ये अजगर
हम अपने अपने खेतों में
गेनूं की जगह चावल की जगह बंदूकें क्यों बोते हैं
जब दोनों ही की गलियों में कुछ भूखे बच्चे रोते हैं