kabhee shaakh-o-sabzaa-o-barg par - - talat

Title:kabhee shaakh-o-sabzaa-o-barg par - - talat Movie:non-Film Singer:Talat Mehmood Music:Taj Ahmed Khan Lyricist:Jigar Moradabadi

English Text
देवलिपि


कभी शाख़-ओ-सब्ज़ा-ओ-बर्ग पर
कभी ग़ुंचा-ओ-गुल-ओ- ख़ार पर
मैं चमन में चाहे जहाँ रहूँ
मेरा हक़ है फ़सल-ए-बहार पर

मुझे दे न ग़ैब में धमकियां
गिरें लाख बार ये बिजलियां
मेरी सर तनक यही आशियां
मेरी मिल्कियत यही प्यार पर

मेरी सर तनक येही आशियां
मेरी सिम्ट से उसे ऐ सबा
ये पयाम-ए-आख़िर-ए-ग़म सुना
अभी देखना हो तो देख जा
के ख़िज़ां है अपनी बहार पर

ये फ़रेब-ए-जलवा-ए-सर बसर
मुझे डर है ये दिल-ए-बेख़बर
कहीं जम न जाये तेरी नज़र
इन्हीं चंद नक़्श-ओ-निगार पर