kuchh aise bhee pal hote hain - - manna dey

Title:kuchh aise bhee pal hote hain - - manna dey Movie:non-Film Singer:Manna De Music:Shyam Sagar Lyricist:Yogesh

English Text
देवलिपि


कुछ ऐसे भी पल होते हैं
जब रात के गहरे सन्नाटे गहरी सी नींद में सोते हैं
तब मुसकानो के दर्द यहाँ बच्चों की तरह से रोते हैं

जब छा जाती है ख़ामोशी तब शोर मचाती है धड़कन
इक मेला जैसा लगता है बिखरा बिखरा ये सूनापन
यादों के साए ऐसे में करने लगते हैं आलिंगन
चुभने लगता है साँसों में बिखरे सपनों का हर दर्पन
फिर भी जागे ये दो नैना सपनों का बोझ संजोते हैं

यूं ही हर रात पिघलती है यूं ही हर दिन ढल जाता है
हर सांझ यूं ही ये बिरही मन पतझड़ में फूल खिलाता है
आखिर ये कैसा बन्धन है आखिर ये कैसा नाता है
जो जुड़ तो गया अनजाने में पर टूट नहीं अब पाता है
और हम उलझे इस बन्धन में दिन रात ये नैन भिगोते हैं