kyaa ye duniyaa hai zulm kee nagaree men

Title:kyaa ye duniyaa hai zulm kee nagaree men Movie:Aas Singer:Lata Mangeshkar Music:Shankar, Jaikishan Lyricist:Hasrat Jaipuri

English Text
देवलिपि


क्या ये दुनिया है यहाँ कर के भलाई देख ली
सोच ना सकते थे जो वो भी बुराई देख ली

ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है -२
सब तो पराये हैं जहाँ में कौन हमारा है -२

ओ ओ पापी को आराम जगत में पापी को आराम
ओ ओ पुन वाले बदनाम जगत में पुन वाले बदनाम
देख लिया संसार यहाँ का खेल ही न्यारा है -२

ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है -२

ओ ओ छीना मेरा लाल जगत ने छीना मेरा लाल
ओ ओ ममता है बेहाल यहाँ पर ममता है बेहाल
मुझसे हुआ है दूर जो मेरी आँख का तारा है -२

ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है -२

ओ ओ अन्यायी की जीत यहां पर अन्यायी की जीत
ओ ओ रोती सच्ची प्रीत यहाँ पर रोती सच्ची प्रीत
सुनते हो भगवान यही इन्साफ़ तुम्हारा है -२

ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है
सब तो पराये हैं जहाँ में कौन हमारा है
ज़ुल्म की नगरी में किसी का कौन सहारा है