machal ke jab bhee aankhon se

Title:machal ke jab bhee aankhon se Movie:Griha Pravesh Singer:Bhupinder Music:Kanu Roy Lyricist:Gulzar

English Text
देवलिपि


मचल के जब भी आँखों से छलक जाते हैं दो आँसू
सुना है आबशारों को बड़ी तक़लीफ़ होती है

खुदारा अब तो बुझ जाने दो इस जलती हुई लौ को
चरागों से मज़ारों को बड़ी तक़लीफ़ होती है, मचल ...

कहूँ क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे हैं
क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तक़लीफ़ होती है
मचल ...

तुम्हारा क्या तुम्हें तो राह दे देते हैं काँटे भी
मगर हम ख़ाकज़ारों को बड़ी तक़लीफ़ होती है
मचल ...