manzar samet laaye hain jo tere gaanv ke - - ghulam ali

Title:manzar samet laaye hain jo tere gaanv ke - - ghulam ali Movie:non-Film Singer:Ghulam Ali Music:unknown Lyricist:Qateel Shifai

English Text
देवलिपि


मंज़र समेट लाये हैं जो तेरे गाँव के
नींदें उड़ा रहे हैं वो झोंके हवाओं के

तेरी गली से चाँद भी ज़्यादा हँसी नहीं
कहते सुने गये गैं मुसाफ़िर ख़लाओं के

पल भर को तेरी याद में धड़का था दिल मेरा
अब दूर तक भँवर से पड़े हैं सदाओं के

दाद-ए-सफ़र मिली है किसे राह-ए-शौक़ में
हमने मिटा दिये हैं निशाँ अपने पाँवों के

ज़िंदा थे जिनसे सर्द हवाओं में हम क़तील
अब ज़हर-आब हो गये साये हवाओं के