raah ke taalib hain apanee bhee kyaa zindagee hai niraalee

Title:raah ke taalib hain apanee bhee kyaa zindagee hai niraalee Movie:Aas Ka Panchhi Singer:Mukesh Music:Shankar, Jaikishan Lyricist:Shailendra Singh

English Text
देवलिपि


राह के तालिब हैं पर बेराह पड़ते हैं क़दम
देखिए क्या ढूँढते हैं और क्या पाते हैं हम

अपनी भी क्या ज़िन्दगी है निराली
जहाँ गए ठुकराए गए जैसे बोतल खाली

रंगीन वो ज़माना था सपना वो क्या सुहाना था
तब सुबह-ओ-शाम ख़ुशियों के जाम हर साँस एक तराना था
अब तो बस हर घड़ी दुख भरी बेबसी
आस की हर किरण अश्क़ बन बह गई
अपनी भी क्या ज़िन्दगी ...

क्या नींद किसको सोना है अब सारी रात रोना है
दुखड़े बिछा के सब कुछ भूल के बस एक बार सोना है
ज़िन्दगी-ज़िन्दगी ओ मेरी लाड़ली
आ गले मिल है शायद ये रात आख़री
अपनी भी क्या ज़िन्दगी ...