sandese aate hain ki ghar kab aaoge

Title:sandese aate hain ki ghar kab aaoge Movie:Border Singer:Sonu Nigam, Roop Kumar Rathod Music:Anu Malik Lyricist:Javed Akhtar

English Text
देवलिपि


संदेसे आते हैं हमें तड़पाते हैं
जो चिट्ठी आती है वो पूछे जाती है
कि घर कब आओगे लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये घर सूना सूना है

किसी दिलवाली ने किसी मतवाली ने
हमें खत लिखा है ये हमसे पूछा है
किसी की साँसों ने किसी की धड़कन ने
किसी की चूड़ी ने किसी के कंगन ने
किसी के कजरे ने किसी के गजरे ने
महकती सुबहों ने मचलती शामों ने
अकेली रातों में अधूरी बातों ने
तरसती बाहों ने
और पूछा है तरसी निगाहों ने
कि घर कब आओगे लिखो कब आओगे
कि तुम बिन ये दिल सूना सूना है
संदेसे आते हैं ...

मुहब्बत वालों ने हमारे यारों ने
हमें ये लिखा है कि हमसे पूछा है
हमारे गांवों ने आम की छांवों ने
पुराने पीपल ने बरसते बादल ने
खेत खलियानों ने हरे मैदानों ने
बसन्ती मेलों ने झूमती बेलों ने
लचकते झूलों ने दहकते फूलों ने
चटकती कलियों ने
और पूछा है गांव की गलियों ने
कि घर कब आओगे लिखो कब आओगे
कि तुम बिन गांव सूना सूना है
संदेसे आते हैं ...

कभी एक ममता की प्यार की गंगा की
जो चिट्ठी आती है साथ वो लाती है
मेरे दिन बचपन के खेल वो आंगन के
वो साया आंचल का वो टीका काजल का वो
लोरी रातों में वो नरमी हाथों में
वो चाहत आँखों में वे चिंता बातों में
बिगड़ना ऊपर से मुहब्बत अंदर से
करे वो देवी माँ
यही हर खेत में पूछे मेरी माँ
कि घर कब आओगे
कि तुम बिन आंगन सूना सूना है

ऐ गुजरने वाली हवा बता
मेरा इतना काम करेगी क्या
मेरे गांव जा मेरे दोस्तों को सलाम दे
मेरे गांव में है जो वो गली
जहां रहती है मेरी दिलरुबा
उसे मेरे प्यार का जाम दे
वहां थोड़ी दूर है घर मेरा
मेरे घर में है मेरी बूढ़ी माँ
मेरी माँ के पैरों को छू उसे उसके बेटे का नाम दे

ऐ गुजरने वाली हवा ज़रा
मेरे दोस्तों मेरी दिलरुबा मेरी माँ को मेरा पयाम दे
उन्हें जा के तू ये पयाम दे
मैं वापस आऊंगा फिर अपने गांव में
उसी की छांव में कि माँ के आँचल से
गांव की पीपल से किसी के काजल से
किया जो वादा है वो निभाऊंगा
मैं एक दिन आऊंगा